मेडिटरेनीयन आहार के जरूरी घटक और भारत में उनकी उपलब्धता

साबुत अनाज
सलाह: अपने आहार में साबुत अनाज शामिल करें।
लाभ: साबुत अनाज जैसे गेहूं, जौ, कुट्टू, ज्वार, रोल्ड ओट्स, चावल और क्विनोआ, आदि फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल कम करने, कैंसर के खतरे को घटाने और अन्य गैर-संक्रमणीय रोगों (एनसीडी) के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं।
भारत में उपलब्धता: भारत में विभिन्न प्रकार के साबुत अनाज आसानी से उपलब्ध हैं।

दालें और फलियां
सलाह: अपनी रोज़ाना की डाइट में दालें और फलियां शामिल करें।
लाभ: चना, राजमा, मसूर, अरहर/तूर दाल, सोयाबीन, और लोबिया जैसी फलियां आदि, टाइप 2 डायबिटीज़ और हृदय रोग के खतरे को कम करती हैं और लंबे जीवन में मदद करती हैं।
भारत में उपलब्धता: दालें और फलियां भारतीय पारंपरिक आहार का अहम हिस्सा हैं।

मेवे और तिलहन
सलाह: अपनी रोज़ाना की डाइट में मेवे और तेल वाले बीज शामिल करें।
लाभ: बादाम, अखरोट, अंजीर, किशमिश, आलूबुखारा, हेज़लनट, मूंगफली, चिलगोजा, पिस्ता और अलसी, सूरजमुखी, तिल और कद्दू के बीज जैसे तेल वाले बीज मोनोअनसैचुरेटेड वसा, फेनोल्स, फाइटोस्टेरॉल, फाइटिक एसिड और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये रक्त में लिपिड स्तर को कम करते हैं, हृदय रोग के खतरे को घटाते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने या कम करने में मदद करते हैं।
भारत में उपलब्धता: भारत में मेवे और तेल वाले बीजों की कई किस्में आसानी से उपलब्ध हैं।

वसा और तेल
सलाह: अपने आहार में अच्छी वसा और तेल को कम मात्रा में शामिल करें।
लाभ: एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल और ऑलिव ऑयल में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो हृदय रोग, कैंसर और सूजन को रोकते हैं और एंडोथेलियल फ़ंक्शन में सुधार करते हैं। वे एलडीएल ऑक्सीडेशन को भी रोकते हैं।
भारत में उपलब्धता: सरसों का तेल और मूंगफली का तेल, जिसमें फैटी एसिड प्रोफ़ाइल कुछ हद तक जैतून के तेल के समान होती है, का उपयोग किया जा सकता है।

सब्ज़ियाँ
सलाह: प्रत्येक भोजन में भरपूर मात्रा में सब्जियाँ शामिल करें।
लाभ: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जड़ें, कंद और अन्य सहित सब्जियाँ, फ्लेवोनोइड के साथ अनुभूति को बढ़ावा देती हैं। शाकाहारी-आधारित आहार पुरानी बीमारी के जोखिम को कम करते हैं और दीर्घायु बढ़ाते हैं। सब्जियों में कैरोटीनॉयड, फोलिक एसिड और फाइबर और फाइटोस्टेरॉल आदि, कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी जोखिम को कम करते हैं।
भारत में उपलब्धता: भारत में विभिन्न प्रकार की ताज़ी सब्जियाँ उपलब्ध हैं।

फल
सलाह: अपने दैनिक आहार में विभिन्न प्रकार के फलों को शामिल करें।
लाभ: खुबानी, चेरी, अंजीर, अंगूर, नींबू, संतरे, खरबूजे, अमृत, खजूर, आलूबुखारा, सेब, आड़ू, नाशपाती, अनार, अंगूर, टमाटर, हनीड्यू, स्ट्रॉबेरी और कीवी जैसे फल हृदय रोगों और कैंसर की घटनाओं को कम करते हैं।
भारत में उपलब्धता: भारत में विभिन्न प्रकार के ताजे फल उपलब्ध हैं।

मसाले, जड़ी-बूटियाँ, और मसाले
सलाह: हर भोजन में मसाले, जड़ी-बूटियाँ और मसालों को शामिल करें।
लाभ: तुलसी, तेज पत्ता, काली मिर्च, लौंग, धनिया, जीरा, सौंफ, लहसुन, पुदीना, अजमोद और हल्दी जैसे मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है और उनके उपचार गुणों के कारण उन्हें औषधीय लाभों के लिए माना जाता है।
भारत में उपलब्धता: भारत में विभिन्न प्रकार के ताज़े और सूखे मसाले और जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध हैं।

दूध और दूध से बने उत्पाद
सलाह: प्रतिदिन कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
लाभ: दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे की दही और पनीर में बायोएक्टिव घटक होते हैं जो उच्च रक्तचाप, कोरोनरी संवहनी रोग, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और कैंसर से बचाते हैं।
भारत में उपलब्धता: भारत में दूध और इसके उत्पाद आसानी से उपलब्ध हैं।

मांस, मछली और मुर्गी
सलाह: कम मात्रा में लीन मांस, मछली और मुर्गी का सेवन करें। लाल मांस में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होने के कारण उसका सेवन सीमित करें।
लाभ: चिकन,अंडे और मछली (मैकेरल, सैल्मन, सार्डिन, टूना) उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन, ईपीए और डीएचए प्रदान करते हैं, जो हृदय संबंधी रोगो, कैंसर और उच्च रक्तचाप से बचाते हैं।
भारत में उपलब्धता: जबकि भारतीय आहार मुख्य रूप से शाकाहारी हैं, मांस, मछली और मुर्गी का भी सेवन किया जाता है।

चीनी और मिठाई
सलाह: चीनी और मिठाइयों का कम से कम सेवन करें।
लाभ: मिठाइयों का सेवन सीमित करने से ऊर्जा की खपत को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

शराब
सलाह: शराब के सेवन से बचें.
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